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मितावली मंदिर

श्रेणी ऐतिहासिक

मुरैना का चैसठ योगिनी मंदिर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में मितावली नामक गांव की एक पहाडी पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह भारत के उन चैसठ योगिनी मंदिरों में से एक है जो अभी भी अच्छी दशा में बचे हैं। यह मंदिर 9वीं सदी मे गुर्जर प्रतिहार वंश के 10वें शासक सम्राट देवपाल गुर्जर ने बनवाया था। इस मंदिर मे 101 खंबे और 64 कमरों मे एक एक शिवलिंग है परिसर के बीचों-बीच एक बड़ा गोलाकार शिव मंदिर भी है। मुख्य मंदिर में 101 खंभे कतारबद्ध खड़े हैं, जो संसद भवन के गलियारे की याद दिलाते हैं। मंदिर के निर्माण में लाल-भूरे बलुआ पत्थरों का उपयोग किया गया है। माना जाता है की कमरे मे शिवलिंग के साथ देवी योगिनी की मूर्ति भी रही होगी पर यह योगिनियाँ अब दिल्ली संग्रहालय व ग्वालियर किले के संग्रहालय में सुरक्षित है। (1) इसी आधार पर इसका नाम चैसठ योगिनी पडा है। सबसे बड़ी बात यह है ब्रिटिश वास्तुविद सर एडविन लुटियंस का बनाया गया भारत का संसद भवन भी इसी चैसठ योगिनी मंदिर के आकृति का है। लुटियंस ने संसद भवन का डिजाइन इस गुर्जर प्रतिहार के मंदिर से चुराया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस मंदिर को प्राचीन ऐतिहसिक स्मारक घोषित किया है।

फोटो गैलरी

  • मितावली मुरैना

कैसे पहुंचें:

बाय एयर

मितावली से निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर हवाई अड्डा है जो हवाई अड्डों ग्वालियर हवाई अड्डे से 30 किलोमीटर की दूरी पर लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। झांसी हवाई अड्डा 123.9 किलोमीटर दूर स्थित है

ट्रेन द्वारा

गोहद रोड रेलवे स्टेशन, मितावली से निकटतम रेलवे स्टेशन है। मितावली से गोहद रोड रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन और मितावली से इसकी दूरी इस प्रकार है। गोहद रोड रेलवे स्टेशन 18 कि.मी। मालनपुर रेलवे स्टेशन 20.0 कि.मी। मुरैना रेलवे स्टेशन 279 कि.मी.

सड़क के द्वारा

मितावली मुरैना और ग्वालियर से बस सेवा द्वारा जुड़ी हुई है। यह मुरैना से लगभग 25 किलोमीटर और ग्वालियर से 55 किलोमीटर दूर है